राम मंदिर पर धन्यवाद के साथ लोकसभा के आखिरी सत्र का समापन
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 10 फरवरी। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल वाली सत्रहवीं लोकसभा का आखिरी सत्र राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राणप्रतिष्ठा पर धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हो गया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की पांच साल की उपलब्धियां गिनाईं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस लोकसभा के महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे मे चर्चा की। इसके साथ ही लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्रहवीं लोकसभा के आखिरी सत्र के अंतिम दिन शनिवार को सदन ने राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया। नियम 193 के तहत यह विशेष चर्चा हुई। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित विभिन्न दलों के कई सांसदों ने चर्चा में भाग लिया। अंत में स्पीकर ओम बिरला का उद्बोधन हुआ।
राम मंदिर से देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका - मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 42 मिनट की स्पीच में अपनी सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाईं। मोदी ने कहा- राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प-शक्ति से परिणाम हासिल करते रहेंगे।प्रधानमंत्री ने कहा- पिछला 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा। पीएम ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थिति में संसद की कार्यवाही, पेपरलेस पार्लियामेंट की शुरुआत और 17वीं लोकसभा में 97% प्रोडक्टिविटी की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन, सेंगोल की स्थापना, जी-20 के आयोजन पर भी सांसदों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने 5 साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने, अंग्रेजों की दंड संहिता हटाकर न्याय संहिता लाने, तीन तलाक कानून, पेपर लीक-चीटिंग बिल, डेटा प्रोटक्शन बिल, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने की भी चर्चा की।
दशकों का इंतजार समाप्त हुआ- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि 22 जनवरी का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। इस दिन का दशकों से इंतजार किया जा रहा था। इस दिन के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान न्योछावर कर दी। वर्षों से चली आ रही लड़ाई 22 जनवरी को समाप्त हो गई। अमित शाह ने कहा कि कई लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, वह मंदिर का नहीं बल्कि देश के इतिहास, धार्मिक भावनाओं और जनता की आस्था का विरोध करते हैं।
मैं भगवान राम की इज्जत करता हूं—ओवैसी
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा में भाग लेते हुए 22 जनवरी को हुए प्राणप्रतिष्ठा समारोह पर सवाल खड़े किए। ओवेसी ने कहा कि क्या मोदी सरकार एक मजहब की सरकार है या फिर पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है। जश्न मनाकर आप क्या मैसेज देना चाहते हैं कि एक धर्म ने दूसरे धर्म पर विजय प्राप्त कर ली है। उन्होंने सदन में बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए और कहा कि मैं बाबर, औरंगजेब और जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं शुरुआत से ही भगवान राम की इज्जत करता हूं और नाथूराम से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या की जिसके अंतिम शब्द हे राम थे।
कई मायनों में ऐतिहासिक रही 17 वीं लोकसभा – स्पीकर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में अपने आखिरी संबोधन में कहा कि इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सत्रों में अंतिम सत्र में यह सबसे अधिक कार्य उत्पादकता है। सत्रहवीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस लोकसभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही। महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही। लोकसभा की उत्पादकता का उल्लेख करते हुए स्पीकर ने कहा कि इस लोकसभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जो 1354 घंटे तक चलीं। सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर अपना कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस लोकसभा में व्यवधान के कारण कुल 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ। बिरला ने कहा कि लोकसभा ने 222 कानून पारित किये। इस अवधि के दौरान 202 विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 11 विधेयकों को सरकार द्वारा वापस लिया गया। उन्होंने 17वीं लोकसभा के दौरान पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘संसद के नये भवन के अंदर सर्वप्रथम ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023' को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया। बिरला के अनुसार, इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किए गए।उन्होंने कहा कि इस लोकसभा में आजादी के पूर्व बनाए गए अनेक अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और उनके स्थान पर नए कानून बनाए गए। इस लोकसभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किए गए। उद्बोधन के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।